नेशनल फिल्म आर्काइव ऑफ इंडिया को 1957 में बैन हुई किशोर कुमार स्टारर फिल्म ‘बेगुनाह’ की रील मिली है। 60 साल पहले मुंबई हाईकोर्ट ने इस फिल्म के सभी प्रिंट को नष्ट कर देने का ऑर्डर दिया था। यह रेयर क्लिप बीते हफ्ते मिली, जिसमें म्यूजिक कंपोजर जयकिशन (शकंर-जयकिशन जोड़ी वाले) पियानो बजा रहे हैं, शकीला डांस कर रही हैं और प्लेबैक सिंगिंग में मुकेश ‘ऐ प्यासे दिल बेजुबान’ गीत गा रहे हैं। अमेरिकन कंपनी पैरामाउंट पिक्चर्स ने इस पर कॉपीराइट केस किया था और इसी वजह से कोर्ट ने सभी प्रिंट को नष्ट करने का आदेश दिया था।
एनएफएआई के डायरेक्टर प्रकाश मगदूम ने इस बारे में बताया, 'कई लोगों ने कई सालों तक इस फिल्म की रील को खोजने का प्रयास किया। चूंकि यह हमारे पास भी नहीं थी तो हमने भी इसे एक्टिव होकर खंगालना शुरू किया। सभी प्रिंट्स नष्ट कर दिए गए थे पर मुझे यकीन था कि कुछ तो कहीं न कहीं बचे होंगे। हमें यह रील देश के कुछ सिनेमा प्रेमियों की बदौलत प्राप्त हुई है। यह खोज एक चमत्कार की तरह है। यह इकलौती ऐसी फिल्म है जिसमें जयकिशन ने मेजर अपीयरेंस निभाया था। हमारे पास 16 एमएम की दो रील हैं जो करीबन 60 से 70 मिनट की हैं। एक रील हमें दो महीने पहले और दूसरी रील हफ्ते भर पहले ही मिली है। दूसरी रील में वह गाना है जिसमें जयकिशन पियानो बजा रहे हैं और शकीला डांस कर रही हैं। रील की कंडीशन उतनी अच्छी नहीं है पर गाना ठीक-ठाक कंडीशन में है। इस रील में क्रेडिट्स नहीं हैं। अब हम कोर्ट के जजमेंट की कॉपी तलाशने की कोशिश कर रहे हैं जो कि काफी मुश्किल है।'
अमित कुमार ने कहा, 'प्रिंट को रिलीज करें तो बहुत खुश होंगे पिताजी के फैन्स'
किशोर कुमार के बेटे और बॉलीवुड सिंगर अमित कुमार ने इस बारे में बात करते हुए कहा, 'मुझे भी पापा की इस रेयर फिल्म की कुछ रील्स मिलने के बारे में अभी-अभी पता चला है। मेरे एक दोस्त जो दुबई में रहते हैं वे पापा के बहुत बड़े फैन हैं, उन्होंने मुझे इस बड़ी खोज के बारे में बताया है। उनकी ऐसी आठ नौ और ऐसी फिल्में ऐसी हैं जो किसी के देखने में आई ही नहीं हैं, बेगुनाह भी उनमें से ही एक है। यह फिल्म बनने के बाद अमेरिकन कंपनी पैरामाउंट पिक्चर्स के साथ एक कंट्रोवर्सी में पड़ गई थी। पैरामाउंट का आरोप था कि यह फिल्म उनकी फिल्म ‘नॉक ऑन वुड’ की कॉपी है। वे इसे लेकर बहुत स्ट्रिक्ट थे। उनका कहना भी सही था क्योंकि बेगुनाह में उनकी ‘नॉक ऑन वुड’ फिल्म को पूरी की पूरी जस का तस उतार दिया गया था। अब मेकर्स ने राइट्स लिए या नहीं वह मुझे पता नहीं, पर पैरामाउंट वाले इस मामले को कोर्ट में ले गए थे और मुंबई हाईकोर्ट ने ‘बेगुनाह’ के सभी प्रिंट को नष्ट करने का आदेश दिया था।'
'उस वक्त मैं केवल सात साल का था'
आगे उन्होंने कहा, 'यह मुंबई के रीगल सिनेमा में रिलीज हुई थी और मुझे अच्छी तरह याद है कि मैंने भी इसे देखा था। उस समय मैं केवल सात साल का था। यह फिल्म बहुत अच्छी चली थी, सेकेंड वीक तक तो इसमें पब्लिक उमड़ती ही रही थी। इसके बाद यह केस आ गया और फिर इसके प्रिंट खत्म ही कर दिए गए। इस फिल्म में पिताजी का एक बहुत अच्छा गाना भी था। मैं इस फिल्म के प्रिंट्स को बहुत सालों से ढूंढ रहा था। इसके अलावा पापा की और भी वे पांच-छह फिल्में जो हमने देखी नहीं हैं उन्हें भी हम ढूंढ़ रहे हैं। शायद इस जन्म में देखने को मिलेंगी या नहीं, पर इस खोज से हमें उम्मीदें जरूर बंधी हैं। पिताजी अक्सर इसके बारे में बात करते थे कि 'बेगुनाह' बहुत अच्छी जा रही थी पर इस केस ने इसे सभी को देखने से वंचित कर दिया था। इसमें शंकर जयकिशन जी ने काम भी किया था। इसके प्रोड्यूसर महीपत राय जी थे। अगर इस पूरे प्रिंट को रीस्टोर कर लिया जाए और यूट्यूब पर भी रिलीज कर दिया जाए तो यह किशोर दा के फैन्स के लिए बहुत बड़ा अचीवमेंट होगा।'